केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों पर हो रहे हमले को ध्यान में रखते हुए 123 साल पुराने कानून महामारी बीमारी कानून (Epidemic Disease Act 1897 in Hindi) में बदलाव करके सख़्ती से लागू करने का नया संशोधित अध्यादेश 2020 पारित किया है
Epidemic Disease Act 1897 in Hindi
इसमें डॉक्टर नर्सेज पैरामेडिकल स्टाफ आशा सहयोगिनी जैसे सभी स्टाफ शामिल है जो कोरोना वायरस बीमारी में जन सेवा में लगे है |
मंत्री प्रकाश जावेडकर ने कहा की मेडिकल स्टाफ को हमलो का सामना करना पड़ रहा है और अनेक जगह पड़ोसी ही समझते है की वो संक्रमण का कारक है, इसलिए आरोग्य कर्मियों के खिलाफ कोई हिंसा या हरासमेंट अब बरदास्त नहीं होगी |
मंत्री ने ये भी कहा की महामारी से लड़ने वाले योद्धाओ को देश जब सलाम कर रहा है तब कुछ लोग उनपर हमले कर रहे है |
महामारी बीमारी कानून नया अध्यादेश 2020
अब महामारी बीमारी कानून संज्ञान लेने योग्य होगा और जमानत नहीं मिलने वाला होगा |
30 दिन में इसकी जाँच पूरी की जाएगी और जाँच सीनियर इंस्पेक्टर लेवल पर की जाएगी |
जाँच पूरी होने और इसका फैसला भी 1 साल में आएगा |
इसके साथ कड़ी सजा का प्रावधान अब नए अध्यादेश 2020 महामारी बीमारी कानून में किया गया है |
महामारी बीमारी कानून में सजा
नए प्रावधानों के तहत Epidemic Disease Act 1897 (2020) में कम से कम सजा 3 महीने से लेकर 5 साल तक हो सकती है |
जुर्माना: 50 हजार से 2 लाख रूपये तक का जुर्माना हो सकता है |
अगर गंभीर हमला या इंजरी है तो सजा को बढाकर 6 महीने से 7 साल तक भी किया जा सकता है, और जुर्माने की रकम भी 1 लाख से 5 लाख तक वसूली जाएगी |
अन्य भरपाई
अगर आरोग्य कर्मी की गाड़ी या क्लिनिक का नुकशान किया जाता है तो उस प्रॉपर्टी की मार्केट कीमत से दोगुना कीमत हमलावर से वसूली जाएगी |
अभी ऐसे मामलो के लिए अन्य कानून भी है जैसे IPC (Indian Penal Code), NSA (National Security Act), Disaster Management act और राज्यों के अलग अलग कानून भी है
Must Read
Pingback: कोरोना पर भारत सरकार की स्कीम #StayHome | RajHindi