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जेनेवा संधि से युद्ध में मिलती है सैनिको को सहायता – JENEVA CONVENTION

JENEVA SANDHI KYA HAI HINDI ME

जेनेवा संधि क्या है ?

JENEVA SANDHI एक युद्ध के दौरान लगने वाला नियम है जिसको सभी हस्ताक्षरित देशो को युद्ध के दौरान इनमे बताये गये सभी अन्तर्राष्ट्रीय नियमों का ध्यान रखना पड़ता है | दुसरे विशव युद्ध के बाद 1949 में दुनिया के 194 देशो ने जेनेवा संधि पर हस्ताक्षर किये |

जेनेवा संधि का इतिहास:

सोलफेरिनो के युद्ध के बाद जब हेनरी डोनाल्ड(बिजनेसमैन) ने घायल सोल्जरो को देखा तो उनके मन में एक ख्याल आया कि क्यों ना एक ऐसी एजेंसी बनाई जाए जो युद्ध के समय घायल योद्धाओं को सहायता दे सके और सभी के साथ समान व्यवहार करें |

इसी को लेकर 1864 में जेनेवा में जेनेवा संधि लागू की गई जिसमे कई देशो ने अपने आप को शामिल किया |

JENEVA SANDHI में कोन कोनसे देश शामिल है ?

पहली जेनेवा संधि के समय 22 अगस्त 1864 को 12 बड़े प्रान्तों ने हस्ताक्षर किये जिनमे ये शामिल थे

  • स्विस कनफेडरेशन Swiss Confederation
  • बैडेन Grand Duchy of Baden
  • बेल्जियम Kingdom of Belgium
  • डेनमार्क Kingdom of Denmark
  • फ्रांसीसी साम्राज्य Second French Empire
  • ग्रैंड ड्यूची  Grand Duchy of Hesse
  • इटली Kingdom of Italy
  • नीदरलैंड Kingdom of the Netherlands
  • पुर्तगाल और एल्गरवेव्स Kingdom of Portugal and the Algarves
  • प्रुसिया Kingdom of Prussia
  • स्पेन Kingdom of Spain
  • वुर्टबर्ग Kingdom of Württemberg

भारत इस संधि का 1950 से सदस्य है और पाकिस्तान भी 1951 से सदस्य है |

इसमें अमेरिका रूस फ़्रांस इराक ईरान अफगानिस्तान चीन नेपाल भूटान श्रीलंका जापान इजराइल कोरिया(नार्थ साउथ दोनों) मलेसिया जैसे अन्य कई देश शामिल है पूरी लिस्ट यहाँ देख सकते हो 

JENEVA SANDHI में 4 संधि और 3 प्रोटोकॉल शामिल है

पहली संधि: फील्ड में सशस्त्र बलों में घायल और बीमार की स्थिति के संशोधन के लिए है |

दूसरी संधि: समुद्र में सशस्त्र बलों के घायल, बीमार और जलपोत सदस्यों की स्थिति के संशोधन के लिए है |

तीसरी संधि: युद्ध के कैदियों के उपचार के सापेक्ष है जिसमे चिकिस्ता वयवस्था मुहैया कराई जाती है |

चौथी संधि: युद्ध के समय में नागरिक व्यक्तियों की सुरक्षा के सापेक्ष है | इसमें जो सिविलियन लोग युद्ध में भाग नहीं ले रहे है उनको सुरक्षा वयवस्था प्रदान करना है |

इन सभी संधियों को 1864 से 1949 के बीच लागू किया गया था |

इसमें ये 3 प्रोटोकॉल भी शामिल है

प्रोटोकॉल 1: अंतर्राष्ट्रीय सशस्त्र संघर्ष के पीड़ितों की सुरक्षा से संबंधित है जिसको 1977 में लागू किया गया

प्रोटोकॉल 2: गैर-अंतर्राष्ट्रीय सशस्त्र संघर्ष के पीड़ितों के संरक्षण से संबंधित है, इसको भी 1977 में लागू किया गया

प्रोटोकॉल 3: एक अतिरिक्त विशिष्ट प्रतीक को अपनाने से संबंधित है, इसे 2005 में शामिल किया गया

जेनेवा संधि कब काम आती है ?

इस संधि का उपयोग युद्ध के समय किया जाता है

  • घोषित युद्ध के सभी मामलों पर यह संधि लागू होती हैं।
  • युद्ध की घोषणा के बिना भी दो या दो से अधिक हस्ताक्षर करने वाले देशों के बीच सशस्त्र संघर्ष के सभी मामलों पर यह संधि लागू होती है जैसे पुलिस कार्रवाई
  • अगर विरोधी राष्ट्र एक हस्ताक्षरकर्ता नहीं है तब भी यह संधि लागू होती है, लेकिन केवल तब जब विरोधी राष्ट्र सम्मेलनों के “प्रावधानों को स्वीकार और लागू करता है

JENEVA CONVENTION के फायदे:

जेनेवा संधि में निम्नलिखित बातो का ध्यान रखा जाता है

  • अगर लड़ाई के कोई जवान या अधिकारी शत्रु देश की सीमा में दाखिल हो जाता है तो गिरफ्तारी की सूरत में उसे युद्धबंदी (POW) माना जाता है। युद्धबंदियों के संबंध में जेनेवा में व्यापक विचार कर कुछ नियम बनाए गए जिसे हम JENEVA SANDHI के तौर पर जानते हैं।
  • अनुच्छेद 3 के मुताबिक युद्ध के दौरान घायल होने वाले युद्धबंदी का अच्छे तरीके से उपचार होना चाहिए
  • पकडे गये सैनिको को खाना-पानी के साथ जरूरत की सभी चीजें दी जाएगी
  • युद्ध में बंदी सैनिक से अमानवीय या बर्बरतापूर्ण व्यवहार नहीं किया जा सकता।
  • किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए

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  • युद्ध के बाद युद्धबंदियों को वापस उनके देश लैटाना होता है. कोई भी देश युद्धबंदियों को लेकर जनता में उत्सुकता पैदा नहीं कर सकता.
  • युद्धबंदियों से सिर्फ उनके नाम, सैन्य पद, नंबर और यूनिट के बारे में पूछा जा सकता है, उनकी पर्सनल जानकारी या ऑपरेशन के बारे में पूछकर टॉर्चर नहीं किया जा सकता

भारत में करगिल के युद्ध के समय पायलट नचिकेता को पाकिस्तान ने बंदी बना लिया था। तत्कालीन वाजपेयी सरकार ने पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाया और पाकिस्तान सरकार को नचिकेता को सकुशल भारत भेजना पड़ा था

अभी पुलवामा हमले के बाद भारतीय एयरफोर्स के एक पायलट अभिनंदन को पाकिस्तान में पकड़ लिया था जिसको इसी संधि (JENEVA SANDHI) के तहत छोड़ना पड़ेगा |

इमरान खान ने कहा – अपनी शांति की इच्छा के तहत मैं घोषणा करता हूं कि बातचीत शुरू करने कदम के तौर पर पाकिस्तान भारतीय वायुसेना के अधिकारी को रिहा करेगा

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