सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी लोकुर (JUSTICE LOKUR) ने सोमवार को फिजी के सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश की शपथ ली।
- पहली बार किसी भारतीय जज को दूसरे देश की अदालत में जज नियुक्त किया गया
- जस्टिस लोकुर जनवरी 2018 में सुप्रीम कोर्ट की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल थे
फिजी के राष्ट्रपति जिओजी कोनरोते ने कार्यकारी चीफ जस्टिस कमल कुमार की मौजूदगी में जस्टिस लोकुर को शपथ दिलाई। उनका कार्यकाल तीन साल होगा।
बताया जाता है कि रिटायरमेंट वाले दिन ही उन्हें फिजी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की तरफ से अपने यहां गैर-नागरिक पैनल में जज के तौर पर शामिल होने का प्रस्ताव मिला था। इस प्रस्ताव को जस्टिस लोकुर ने स्वीकार कर लिया था। उनकी नियुक्ति 15 अगस्त से होगी।
जस्टिस लोकुर के बारे में
जस्टिस लोकुर ने जुलाई 1977 में दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत शुरू की थी।
वे 1981 में सुप्रीम कोर्ट में वकील और 1998 में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल नियुक्त हुए।
इसके बाद उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश का कार्यभार भी संभाला। जुलाई 1999 में हाईकोर्ट के जज बनाए गए।
जस्टिस लोकुर गुवाहाटी और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं।
लोकुर जून 2012 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने और 2018 में 31 दिसंबर को रिटायर हुए थे।
सुप्रीम कोर्ट के जजों की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल थे जस्टिस लोकुर
सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने 12 जनवरी 2018 को पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें मौजूदा चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस कुरियन जोसेफ और जस्टिस मदन बी लोकुर शामिल थे।
चारों ने सुप्रीम कोर्ट की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे और तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा था। सुप्रीम कोर्ट के जजों का इस तरह प्रेस कॉन्फ्रेंस करना इतिहास में पहला मौका था।