Karni Mata Temple करनी माता मंदिर राजस्थान के देशनोक गांव में है जो बीकानेर से लगभग 30 किलोमीटर दूर है |करनी माता को चूहों की देवी भी कहते है यहाँ पर हर वक्त 20 से 30 हजार चूहे चारों और परिसर में घूमते रहते है |
माता जी की आराधना:
करनी माता राठौड़ कुल की कुल देवी मानी जाती है, बीकानेर पर राठौड़ राजपुत राजवंश का शासन रहा है |
करणी माता को मानने वाले इससे डोकरी (बुजुर्ग अम्मा) कहकर भी पुकारते है | अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए कोई भी करनी माता को मना सकता है |
सबसे ज्यादा बोला जाने वाला स्लोगन “सुख देणो दुख मेटणो , माँ करणी रो काम ।। चरण शरण दे चारणी , पुनः पुनः करूं पृणाम ” काफी अनुकूल है |
Karni Mata Aarti Lyrics (करनी माता आरती)
इतिहास
करनी माता के बचपन का नाम रिद्धू बाई था जिसने मेहोजी चारण के घर छठी संतान के रूप में जन्म लिया |
बचपन की रिधू बाई का करनी नाम उसकी भुआजी ने रखा जिसकी टेढ़ी ऊँगली को उन्होंने एक स्पर्श से ठीक कर दिया था | करनी का मतलब चमत्कारी
करनी माता की शादी दिपोजी चारण (गांव साठिका) के साथ फिक्स हुई लेकिन करनी माता ने खुद को अलग कर अपनी बहन की शादी उनसे करवा दी |
मान्यता है की जब कोई देपावत चारण मर्त्यु होती है वो वह करणी माता के मंदिर में चूहा बनकर पैदा होता है, इन्हें स्थानीय भाषा में काबा कहा जाता है |
करणी माता ने राव जोधा को जोधपुर का राजा बनने में सहयोग किया और 12 मई 1459 के दिन चिड़ियाटूक की पहाड़ी पर नए किले की नींव डाली, जोधा की रिक्वेस्ट पर करणी नए किले की नींव रखने के लिए देशनोक से चिड़ियाटूक पहाड़ी गई |
इसी तरह राव जोधा का छोटा बेटा बीका नाराज होकर मेहरानगढ़ से जांगलू देश आया जिसने बीकानेर को अपनी राजधानी बनाया और 1485 में किले की नीव के लिए करणी माता को न्योता दिया |
तब से राठौडी राजवंस का हर सख्स करणी माता को अपनी आराध्य देवी मानता है |
करणी माता की कथा (Rajasthani)
फेमस
चूहे वाली माताजी (Temple of Rats/Mouse)
करनी माता चूहों की माता जी कहलाती है इसके परिसर में घुमने वाले हजारो चूहे करनी माता मंदिर देशनोक को अपने आप में काफी फेमस बनाते है |
यहाँ पर कुछ सफ़ेद चूहे भी देखे जा सकते है जिनके दिखने से भक्त को माता के दर्शन होना बताया जाता है |
खास बात ये है की इतने चूहे होने पर भी कोई किसी भक्त को काटता नहीं है और अगर भक्त दे द्वारा कोई चूहा पैर रखकर मारा जाता है तो उसको सोने या चाँदी का चढाने की परंपरा है |
Karni Sena करनी सेना: यही वो करनी माता है जिनके नाम पर राजपुत समाज का सबसे बड़ा संगठन करनी सेना आधारित है |
करनी माता मेला
करनी माता का मेला नवरात्रा के समय पर लगता है और देश भर के मानने वाले यहाँ पर आकर माथा टेकते है |
करनी माता देशनोक का मेला साल में 2 बार लगता है |पहली बार मार्च से अप्रैल में आने वाली नवरात्री पर और दुबारा सितंबर से अक्तूबर के बीच आने वाले नवरात्रा में |
अश्विनी शुक्ल पक्ष से अश्विन शुक्ल पक्ष दशमी तक जोर शोर से मेले का परवान चढ़ता है |
करनी माता देशनोक कैसे जाए
करनी माता मंदिर देशनोक जाने के लिए आपको बीकानेर जाना पड़ेगा जो राजस्थान में स्थित है |
बीकानेर के लिए जयपुर से सीधी बस और ट्रेन की सुविधा है अपने सहूलियत के हिसाब से सफ़र कर सकते है |
अभी तक बीकानेर में कोई हवाई सफ़र नहीं है लेकिन भविष्य में जल्द ही ये सौगात बीकानेर वासियों को मिलने की उम्मीद है |
करनी माता के भजन
Dj Song Karni Mata
Karni Mata Documentary
Any suggestions are always appreciable. Thanks
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