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नागरिकता संशोधन विधेयक क्या है?

naagarikata-sanshodhan-vidheyak 2019 नागरिकता संसोधन हिंदी में

अभी नरेन्द्र मोदी की सरकार ने नागरिकता संशोधन विधेयक को पास कर दिया अगर आपके मैन में भी सवाल है की नागरिकता संशोधन विधेयक क्या है, तो चलिए जानते है

नागरिकता संशोधन विधेयक क्या है

नागरिकता संशोधन विधेयक का मुख्य उदेश्य पडोसी देशो में रहने वाले प्रताड़ित अलप्संख्य्को जैसे हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी धर्म के लोगो को भारत की नागरिकता देना है |

अभी भारत की नागरिकता, नागरिकता अधिनियम के अनुसार इन पांच तरीकों से प्राप्त की जा सकती है:

  • जन्म
  • वंशानुगत क्रम
  • पंजीकरण
  • प्राकृतिक रूप से नागरिकता
  • यदि कोई व्यक्ति जिस देश में रहता है वह देश भारत में मिल जाता है तो।

क्या बदलाव किये गये है नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 में

नागरिकता संसोधन बिल में भारत में उनके निवास के समय को 12 वर्ष के बजाय छह वर्ष करने का प्रावधान है। यानी अब ये शरणार्थी 6 साल बाद ही भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। 

गैर मुस्लिम अगर वैध दस्तावेजों के बिना भी पाए गए तो भी उन्हें जेल नहीं होगी

इस बिल के तहत सरकार अवैध प्रवासियों की परिभाषा बदलने के प्रयास में है।

नए विधेयक में इस बात का प्रावधान भी किया गया है कि गैरकानूनी रूप से भारत में घुसे लोगों तथा पड़ोसी देशों में धार्मिक अत्याचारों का शिकार होकर नागरिकता मांगने वाले लोगों में अंतर किया जा सके।

31 दिसंबर 2014 या उससे पहले आए गैर-मुस्लिम भी इस नियम के तहत नागरिकता के लिए पात्र होंगे

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नागरिक संसोधन बिल का विपक्षी पार्टियों ने विरोध क्यों किया

दरअसल विपक्षी दलों का लोकसभा की बहस में कहना था की ये बिल सविधान की मूल भावना के खिलाफ है, जो सविधान बाबा साहेब अम्बेडकर ने सभी नागरिको के लिए लिखा था |

उनका ये भी कहना था की इस बिल को धार्मिक आधार पर लाया गया है जो हमारे सविधान की प्रस्तावना के खिलाफ है |

आपको बता दे कांग्रेस और अन्य के बाद बीजेपी के साझेदार दल भी इसका विरोध कर रहे है

क्या है भाजपा का तर्क:

भारतीय जनता पार्टी जो अभी सता में मुख्य है का कहना है की पडोसी देशो में सताए हुए अल्पसंख्यक अगर हमारी सरण मांगते है तो हमें उनका बचाव करना चाहिए |

इससे पहले थे नागरिकता अधिनियम 1955 ?

इस बिल के आने से पहले नागरिक अधिनियम विधेयक 1955 था जिसमे अब तक पांच बार संसोधन किया जा चूका है (1986, 1992, 2003, 2005 और 2015)

इन बिल में भारत की नागरिक देने के संबंधित जानकारी दी गई है |

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